छत्तीसगढ़ में चुनावी दौरे पर आए भाजपा प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से पत्रिका ने खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने चुनाव से लेकर विभिन्न से मुद्दों से जुड़े हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। पढ़िए विजय सोनकर शास्त्री से पत्रिका से खास बातचीत की पूरी रिपोर्ट।
सवाल : टिकट बंटवारे के बाद जगह-जगह विरोध के स्वर सुनाई पड़ रहे हैं? भाजपा की सांसद और महासचिव सरोज पांडेय की भाभी नामांंकन भर रहीं हैं? मुश्किल से 8 दिन चुनाव को बचे हैं, सब ठीक हो होगा?
जवाब : हमारे यहां संवाद है। कहीं रोष हैं तो कहीं मधुरता हैं, लेकिन वह सब ठीक हो जाएगा। आज आखिरी दिन है नामांकन का , तब तक तो सभी चीजें चलती है। लेकिन अपेक्षाकृत अन्य दलों के हमारे यहां विवाद कम हैं।
सवाल : आपके मंत्री जो हैं, उनकी हालत बड़ी खराब बताई जा रही है। क्या कहेंगे इस बारे में ?
जवाब : मंत्रियों के सामने समस्याएं होती है। उन्हें कार्यकर्ताओं के साथ ही जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होता है । अपेक्षाएं तो अनंत होती है। 99 अपेक्षाएं पूरी हो जाए और एक रह जाए तो 99 जिनके काम हुए हैं उन्हें भुलाकर एक काम जो नहीं हुआ हैं वह बड़ी वजह बन जाती है। लेकिन टिकटों की घोषणा के बाद स्थिति बदली है।
सवाल : छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के चुनाव में कितना अंतर हैं?
जवाब : सांस्कृतिक रूप से तो कोई अंतर नहीं दिखाई देता, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक दृष्टि से बहुत अंतर है। -चुनाव प्रचार की शैली लगभग एक हो गई है। क्योंकि चुनाव सुधार कार्यक्रम जो चले हैं देश में , उसमें बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। कार्यकर्ताओं में थोड़ी जरूर अंतर दिखाई देता है। हमारे कार्यकर्ता यूपी के सुबह 7 बजे से लग जाते हैं। इधर के कार्यकर्ता थोड़ा सा कभी कभी देखने को मिलता है कि आराम से निकलते हैं। देर रात तक काम करते हैं। लेकिन बड़े समर्पित और दृढ़ता के साथ।
सवाल : गुजरात मॉडल पर चुनाव हो रहा था, वैसे ही चुनाव यहां हो रहा है। ये बात कहा तक सहीं है?
जवाब : मैं बहुत कमिटमेंट के साथ यह बात बोलना चाहता हूं, अब चुनाव भारतीय जनता पार्टी जो भी देशभर में लड़ रही है। केवल विकास पर ही हम लोग लड़ रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि प्रतिपक्षिय दल और उनके नेता बार-बार भाजपा के एजेंडे को तोडऩे की कोशिश और उसे जाति-पाति संप्रदाय पर लाने की कोशिश करते हैं। गुजरात को जो मॉडल था, विकासवाद का वह मॉडल पर तो हमने पूरे देशभर में बहुमत के साथ सरकार बनाई। वह हमारा पेस्टेड मॉडल है। लेकिन छत्तीसगढ़ ऐसा मॉडल था, जिसे हमलोग लोकसभा के चुनाव में उसका उपयोग किए थे, वह था पीडीएस मॉडल।
सवाल : दावा किया जा रहा है, 65 सीटें जीतेंगे। आपको क्या लगता है, किस धरातल पर हैं ?
जवाब : कार्यकर्ताओं में जो उत्साह दिख रहा है। 2003 का छत्तीसगढ़ और 2018 के छत्तीसगढ़ काफी परिवर्तन आया है। उसे देखकर लगता है, हम लोग जो 65 प्लस सीट का लक्ष्य है, उसे पा लेंगे।
राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी । पूर्व सांसद । वरिष्ठ राजनीतिज्ञ । स्वयंसेवक । प्रखर हिंदूवादी । प्रबुद्ध विचारक । गहन आध्यात्मिक चिंतक । राष्ट्रभक्त